व्यंग्य कविता --- सन्देश का प्रभाव
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सड़क पर पड़े
घायल को देख कर
कतरा कर, आँखें बचाकर
निकलते लोग।
याद आता है
मानवता का संदेश
पर....
सहायता के लिए
बढ़े कदमों को,
विचारों को
रोक देते हैं
नगर के किसी
‘विशेष इमारत’ के सामने लगे
‘बोर्ड़ों’ के ‘संदेश’
‘पुलिस आपकी मित्र है’
सदैव
‘आपकी सेवा’
को तत्पर।
4 टिप्पणियां:
बहुत ही सुन्दर रचना . बधाई
सही कहा आपने लोग चाहकर भी किसी घायल व्यक्ति की सहायता पुलिस के खौफ के चलते नहीं कर पाते |
सटीक व्यंग्य |
सही बात है..
एक कडवी हकीकत है ...पुलिस के डर से घायल को देखकर लोंग कतरा कर निकल जाते हैं ..!
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