सोमवार, 11 अक्तूबर 2010

सन्देश का प्रभाव -- व्यंग्य कविता -- कुमारेन्द्र

व्यंग्य कविता --- सन्देश का प्रभाव
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सड़क पर पड़े

घायल को देख कर
कतरा कर, आँखें बचाकर
निकलते लोग।
याद आता है
मानवता का संदेश
पर....
सहायता के लिए
बढ़े कदमों को,
विचारों को
रोक देते हैं
नगर के किसी
‘विशेष इमारत’ के सामने लगे
‘बोर्ड़ों’ के ‘संदेश’
‘पुलिस आपकी मित्र है’
सदैव
‘आपकी सेवा’
को तत्पर।

4 टिप्‍पणियां:

ASHOK BAJAJ ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना . बधाई

Gyan Darpan ने कहा…

सही कहा आपने लोग चाहकर भी किसी घायल व्यक्ति की सहायता पुलिस के खौफ के चलते नहीं कर पाते |

सटीक व्यंग्य |

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

सही बात है..

वाणी गीत ने कहा…

एक कडवी हकीकत है ...पुलिस के डर से घायल को देखकर लोंग कतरा कर निकल जाते हैं ..!