बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

शबनम जैसा तेरा होना

शबनम जैसा

तेरा होना,

पल भर रहकर

गुम हो जाना।

 

आँखों में बसता

रूप तुम्हारा,

उससे पहले

ओझल हो जाना।

 

रोक सके ना

देख सके ना,

बढ़ते हाथों का

थम-थम जाना।

 

अंक में भर लूँ 

अपना कह लूँ,

एक हसरत का

हसरत रह जाना।

 

चंचल चितवन

दिल की धड़कन,

आस लगाए

कब होगा आना।

 

स्वप्न दिखाती

फिर आओगी,

फिर टूटेगा

स्वप्न सुहाना।


मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

जिक्र उनका सब करें मेरी चाह में

हाथ लेकर जो चले थे हाथ में,

रुक गए वो हाथ छुड़ाकर राह में।

 

टूट कर हमने जिन्हें चाहा बहुत,

टूट कर बिखरे उन्हीं की राह में।

 

नफरतें उनकी सहेजीं प्यार से,

आखिर उनसे ही मिली थीं प्यार में।

 

बेवफा उनको ना माने दिल मेरा,

कम रही होगी वफा मेरे प्यार में।

 

वो नहीं आएँगे हमको है यकीं,

वो यकीं फिर भी भुलाया चाह में।

 

चाहतें उनसे जुड़ी हैं इस कदर,

जिक्र उनका सब करें मेरी चाह में।


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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

धरती है कदमों तले, अब आसमां की बारी है



धरती है कदमों तले, अब आसमां की बारी है,

ऐ ज़िन्दगी तू क्या जाने, तेरी किससे यारी है.


रास्ते कठिन हों भले मगर, मंजिल तक तो जाते हैं,

आँखें हैं बस मंज़िल पर, और हौसलों की सवारी है.


जितने भी हों रंग तेरे, तू जी भर-भर के दिखला ले,

पर भूल न जाना इतना कि, आनी मेरी भी बारी है.


शबनम की दो बूँदों से, है प्यास नहीं बुझने वाली,

तपिश मिटाने सदियों की, समंदर की चाह हमारी है.


ख़ामोशी को तुम हार न समझो, ये अंदाज हमारा है,

हम पर हमारे जलवों की, अब तक छाई खुमारी है.  


उठना होगा जब नजरों का, पल वो क़यामत का होगा,

तब तक जितनी तय कर लो, वो उतनी हद तुम्हारी है.


निकल जाएँगे हार मान के, इस धोखे में मत रहना,

जीत जाएंगे जंग सभी, अपनी ऐसी तैयारी है.


जो पला बढ़ा संघर्षों से, वो ना ऐसे टूटेगा,

जीवट है उसका आत्मबल, तेरे वारों पर भारी है.