सोमवार, 22 जनवरी 2024

रामलला का करते वंदन

कौशल्या दशरथ के नंदन

आये अपने घर आँगन,

हर्षित है मन

पुलकित है तन

रामलला का करते वंदन.

 

सौगंध राम की खाई थी

उसको पूरा होना था,

बच्चा बच्चा था संकल्पित

मंदिर वहीं पर बनना था,

जन्मभूमि को देख प्रतिष्ठित

आनन्दित हो बैठे जन-जन.

हर्षित है मन

पुलकित है तन

रामलला का करते वंदन.

 

ध्वंस किया बर्बर शत्रु ने 

रामलला के मंदिर को,

धूमिल न कर पाया लेकिन

जन्मभूमि के वैभव को,

बरसों अपमानित रही अयोध्या

अब फिर से पाया अपनापन.

हर्षित है मन

पुलकित है तन

रामलला का करते वंदन.

 

राम अस्तित्व पर प्रश्न उठाया

बर्बर आक्रांता औलादों ने,

माँ सरयू भी सिसक उठी थी

भक्तों के बलिदानों से,

अर्पण, तर्पण, मोक्ष मिला जब

आचमन को पहुँचा जल पावन.

हर्षित है मन

पुलकित है तन

रामलला का करते वंदन.

 

प्राण-प्रतिष्ठा हुई राम संग

धर्म, आस्था, गौरव की,

है गर्व हमें हिन्दू होने पर

सकल विश्व ने ये बात कही,

हिन्दू तन है, हिन्दू मन है

अपना रग-रग हिन्दू जीवन.

हर्षित है मन

पुलकित है तन

रामलला का करते वंदन.

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कुमारेन्द्र किशोरीमहेन्द्र

22-01-2024


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22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर.


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