शनिवार, 2 सितंबर 2017

जिंदगी को कभी तो ज़िन्दगी बनाओ

जिंदगी को कभी तो ज़िन्दगी बनाओ,
रोना बहुत हुआ अब तो मुस्कुराओ.

चाँद को रोटी बता बहुत बहलाया,
भूखे को अब असली रोटी दिखाओ.

बेबसी से उसका जन्म से नाता है,
एक बार उसे ख़ुशी से मिलवाओ.

ज़िन्दगी लाख बेवफ़ा हो बनी रहे,
इस बेवफ़ा से परिचय तो करवाओ.

मौत के साथ जो रोज खेलता है,
उसको मौत के नाम से न डराओ.

समझना चाहते हो गर दर्द को,
खुद को खुद से ऊपर उठाओ.


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