पतझड़ में सावन की फुहार सी तुम
किसी उपवन में छाई बहार सी तुम,
तुम से है रौनक तुम से ही खुशियाँ
जीवन के उल्लासित त्यौहार सी तुम।
धड़कन में तुम, तुम ही साँसों
में
तुम नजरों में, तुम ही ख्वाबों
में,
सोच में तुम ही, बातें भी तुम्हारी
खट्टे मीठे पलों की हिस्सेदार सी तुम।
कहना चाहें तुमसे अपने दिल की
छोटी सी, बड़ी सी बातें मन
की,
तुम अपनी सी, विश्वास तुम्हीं
पर
सारे एहसासों की राजदार सी तुम।
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1 टिप्पणी:
सुंदर रचना सुंदर पेंटिंग के साथ
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